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राजभाषा नियमों संबंधी
पश्चिम रेलवे की मार्गदर्शिका
वर्ष : 2017
राजभाषा विभाग, प्रधान कार्यालय,
चर्चगेट, मुंबई -20
राजभाषा संवैधानिक प्रावधान - संघ की राजभाषा नीति
भारत का संविधान-भाग 5 (120), भाग 6 (210) और भाग 17
भाग 5
संसद में प्रयोग होने वाली भाषा :
अनुच्छेद 120
(1)संविधान के भाग 17 में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद 348 के उपबन्धों के अधीन रहते हुए संसद में कार्य हिंदी में या अंग्रेजी में किया जाएगा, परन्तु यथास्थिति, राज्यसभा का सभापति या लोक सभा का अध्यक्ष अथवा उस रुप में कार्य करनेवाला व्यक्ति किसी सदस्य को, जो हिंदी या अंग्रेजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा ।
जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक इस संविधान के प्रारंभ से 15 वर्ष की कालावधि की समाप्ति के पश्चात यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो कि "या अंग्रेजी में" ये शब्द उसमें से लुप्त कर दिए गए हैं ।
भाग 6
विधान मंडल में प्रयुक्त होने वाली भाषा
अनुच्छेद 210
(1)संविधान के भाग 17 में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद 348 के उपबंध के अधीन रहते हुए राज्य के विधान मंडल का कार्य राज्य की राजभाषा या भाषाओं में या हिंदी में या अंग्रेजी में किया जाएगा,
परन्तु यथास्थिति, विधान सभा का अध्यक्ष या विधान परिषद का अथवा उस रुप में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी सदस्य को, जो उपर्युक्त भाषाओं में से किसी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा ।
(यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू नहीं है )
(2)जब तक राज्य का विधान मंडल विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करें तब तक इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष कालावधि की समाप्ति के पश्चात यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो कि ’या अंग्रेजी में’ ये शब्द उसमें से लुप्त कर दिए गए हैं।
परन्तु हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के राज्य विधान मंडलों के संबंध में यह खंड इस प्रकार प्रभावी होगा मानो कि उसमें आनेवाले ’पन्द्रह वर्ष’ शब्दों के स्थान पर ’पच्चीस वर्ष’ शब्द रख दिए गए हों ।
भाग 17
संघ की राजभाषा > अनुच्छेद 343
(1)संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी ।
संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रुप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रुप होगा ।
2. खंड (1) में किसी बात के होते हुए भी, इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की कालावधि के लिए संघ के उन सब राजकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा प्रयोग की जाती रहेगी, जिनके लिए ऐसे प्रारंभ के ठीक पहले वह प्रयोग की जाती थी :-
परंतु राष्ट्रपति उक्त कालावधि में, आदेश द्वारा संघ के राजकीय प्रयोजनों में से किसी के लिए अंग्रेजी भाषा के साथ हिंदी भाषा का तथा भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रुप के साथ-साथ देवनागरी अंकों का प्रयोग प्राधिकृत कर सकेगा ।
3. इस अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, संसद विधि द्वारा, उक्त पंद्रह साल की कालावधि के पश्चात : (क) अंग्रेजी भाषा का अथवा , (ख) अंकों के देवनागरी रुप का, ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग उपबंधित कर सकेगी, जैसे कि ऐसी विधि में उल्लिखित हो ।
राजभाषा आयोग और संसदीय समिति > अनुच्छेद 344
(1)राष्ट्रपति, इस संविधान के प्रारंभ से पांच वर्ष की समाप्ति पर तथा तत्पश्चात ऐसे प्रारंभ से दस वर्ष की समाप्ति पर, आदेश द्वारा एक आयोग गठित करेगा जो एक अध्यक्ष और अष्टम अनुसूची में उल्लिखित भिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ऐसे अन्य सदस्यों से मिलकर बनेगा जैसे कि राष्ट्रपति नियुक्त करें तथा आदेश आयोग द्वारा अनुसरण की जानेवाली प्रक्रिया भी परिभाषित करेगा ।
(2)आयोग का कर्तव्य होगा कि वह निम्नलिखित के बारे में अपनी सिफ़ारिशें राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करें :-
(क) संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी भाषा का उत्तरोत्तर अधिक प्रयोग
(ख) संघ के राजकीय प्रयोजनों में से सत्र या किसी के लिए अंग्रेजी भाषा के प्रयोग पर निर्बन्धन
(ग) अनुच्छेद 348 में वर्णित प्रयोजनों में से सब या किसी के लिए प्रयोग की जानेवाली भाषा
(घ) संघ के किसी एक या अधिक उल्लिखित प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने वाले अंकों के रुप
(ड) संघ की राजभाषा तथा संघ और किसी राज्य के बीच अथवा एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच संचार की भाषा तथा उनके प्रयोग के बारे में राष्ट्रपति द्वारा आयोग से पृच्छा किए हुए कोई अन्य विषय ।
3. खंड (2) के अधीन अपनी सिफ़ारिशें करने में आयोग भारत की औद्योगिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उन्नति का और लोक सेवाओं के संबंध में हिंदीतर भाषा क्षेत्रों के व्यक्तियों के न्याय संगत दावों और हितों का सम्यक ध्यान रखेगा ।
4. एक समिति गठित की जाएगी जो तीस सदस्यों से मिलकर बनेगी जिनमें से बीस लोक सभा के और दस राज्य सभा के सदस्य होंगे जो क्रमशः लोक सभा के सदस्यों और राज्य सभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा निर्वाचित होंगे ।
5. समिति का यह कर्तव्य होगा कि वह खंड (1) के अधीन गठित राजभाषा आयोग की सिफ़ारिशें की परीक्षा करें और राष्ट्रपति को उन पर अपनी राय के बारे में रिपोर्ट में दे ।
6. अनुच्छेद 343 में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति खंड (5) में निर्दिष्ट रिपोर्ट पर विचार करने के पश्चात् उस संपूर्ण रिपोर्ट के या उसके किसी भाग के अनुसार निदेश जारी सकेगा ।
राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं> अनुच्छेद 345
अनुच्छेद 346 और 347 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, राज्य का विधान मंडल, विधि द्वारा उस राज्य के राजकीय प्रयोजनों में से सब या किसी के लिए प्रयोग के अर्थ उस राज्य में प्रयुक्त होने वाली भाषाओं में से किसी एक या अनेक को या हिंदी को अंगीकार कर सकेगा ।
परंतु जब तक राज्य का विधान मंडल विधि द्वारा इस से अन्यथा उपबंध न करें तब तक राज्य के भीतर उन राजकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा प्रयोग की जाती रहेगी जिनके लिए इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले वह प्रयोग की जाती थी ।
अनुच्छेद 346
संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए, प्रयुक्त होने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा एक राज्य एवं दूसरे राज्य के बीच में तथा किसी राज्य एवं संघ के बीच संचार के लिए राजभाषा होगी ।
परंतु दो या दो से अधिक राज्य क़रार करते हैं कि ऐसे राज्यों के बीच संचार के लिए राजभाषा हिंदी भाषा होगी ऐसे संचार के लिए वह भाषा प्रयोग की जा सकेगी ।
किसी राज्य के जन समुदाय के किसी भाग द्वारा बोली जानेवाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 347
यदि इस निमित्त मांग किए जाने पर राष्ट्रपति यह सहमत हो जाता है कि राज्य की जनसंख्या का पर्याप्त भाग यह चाहता है कि उसके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को राज्य द्वारा मान्यता दी जाए तो वह निदेश दे सकेगा कि ऐसी भाषा को भी उस राज्य में सर्वत्र या उसके किसी भाग में ऐसे प्रयोजन के लिए जो वह निर्दिष्ट करे, शासकीय मान्यता दी जाए ।
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में तथा अधिनियमों,विधेयकों आदि में प्रयोग की जानेवाली भाषा :-
अनुच्छेद 348
(1)इस भाग के पूर्ववर्ती उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करें तब तक :
(क) उच्चतम न्यायालय में तथा प्रत्येक उच्च न्यायालय में सब कार्यवाहियां
(ख) जो :-
(1)विधेयक, अथवा उन पर प्रस्तावित किए जाने वाले जो संशोधन, संसद के प्रत्येक सदन में पुनः स्थापित किए जाएं उन सब के प्राधिकृत पाठ,
(2)अधिनियम, संसद द्वारा या राज्य के विधान मंडल द्वारा पारित किए जाएं तथा जो अध्यादेश राष्ट्रपति या राज्यपाल या राज प्रमुख द्वारा प्रख्यापित किए जाएं, उन सबके प्राधिकृत पाठ तथा
(3)आदेश,नियम,विनियम और उपविधि इस संविधान के अधीन,अथवा संसद या राज्यों के विधान मंडल द्वारा निर्मित किसी विधि के अधीन,निकाले जाए उन सब के प्राधिकृत पाठ, अंग्रेजी भाषा में होंगे।
(4)खंड (1) के उपखंड (क) में किसी बात के होते हुए भी , किसी राज्य का राज्यपाल या राजप्रमुख राष्ट्रपति की पूर्व सम्मति से हिंदी भाषा का या उस राज्य में राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाली किसी अन्य भाषा का प्रयोग उस राज्य में मुख्य स्थान रखने वाले उच्च न्यायालय की कार्यवाहियों के लिए प्राधिकृत कर सकेगा ।
परंतु इस खंड की कोई बात वैसे उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय, अथवा आदेश के लिए लागू न होगी ।
भाषा संबंधी कुछ विधियों को अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
अनुच्छेद 349
इस संविधान के प्रारंभ होने से पंद्रह वर्ष की अवधि के दौरान अनुच्छेद 348(1) में उल्लिखित किसी प्रयोजन के लिए प्रयोग की जानेवाली भाषा के लिए उपबंध करने वाला कोई विधेयक या संशोधन संसद के किसी सदन में राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना पुनःस्थापित या ऐसे किसी संशोधन को प्रस्तावित किए जाने की मंजूरी अनुच्छेद 344(1) के अधीन गठित राजभाषा आयोग की सिफ़ारिशों और अनुच्छेद 344(1) के अधीन गठित राजभाषा आयोग की सिफ़ारिशों और अनुच्छेद 344(4) के अधीन गठित संसदीय समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के पश्चात् ही देगा अन्यथा नहीं ।
व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन की भाषाएं > अनुच्छेद 350
किसी शिकायत के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी पदाधिकारी या प्राधिकारी को, यथास्थिति संघ में या राज्य में प्रयोग होनेवाली किसी भाषा में अभ्यावेदन देने का, प्रत्येक व्यक्ति को हक़ होगा ।
हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश > अनुच्छेद 351
हिंदी भाषा की प्रचार-वृद्धि करना, उसका विकास करना ताकि वह भारत की सामासिक संस्कृति के सब तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम हो सके तथा उस की आत्मीयता में हस्तक्षेप किए बिना हिन्दुस्तानी और अष्टम अनुसूची में उल्लिखित अन्य भारतीय भाषाओं के रुप, शैली और पदावली को आत्मसात करते हुए तथा आवश्यक या वांछनीय हो वहां उसके शब्द भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से तथा गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करना संघ का कर्तव्य होगा ।
अष्टम अनुसूची
(अनुच्छेद 344(1) और 351)
भाषाएं
1. असमिया | 2. उड़िया | 3. उर्दू | 4. कन्नड़ | 5. कश्मीरी |
6. कोंकणी | 7. गुजराती | 8. डोगरी | 9. तमिल | 10. तेलगू |
11. नेपाली | 12. पंजाबी | 13. बांग्ला | 14. बोडो | 15. मणिपुरी |
16. मराठी | 17. मलयालम | 18. मैथिली | 19. संथाली | 20. संस्कृत |
21. सिंधी | 22. हिंदी | | | |
राजभाषा आयोग
राजभाषा आयोग की स्थापना 1955 में हुई और उसने अपनी रिपोर्ट 1956 में प्रस्तुत कर दी । आयोग की सिफ़ारिशों पर विचार करने के लिए 1957 में संसदीय समिति गठित की गई । आयोग और संसदीय समिति दोनों का विचार था कि 1965 के बाद भी "सह राजभाषा" के रुप में अंग्रेजी का प्रयोग चलता रहे ।
राजभाषा अधिनियम , 1963 की धारा-4 में यह प्रावधान है कि जिस तारीख को धारा 3 प्रवृत्त होती है, उससे 10 साल की समाप्ति के बाद, राजभाषा के संबंध में एक समिति इस विषय का संकल्प संसद के किसी भी सदन में राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी से प्रस्तावित दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने पर गठित की जायेगी ।
संसदीय राजभाषा समिति
राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा-4 के उपबन्धों के अनुसार संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया । इस समिति में 20 लोक सभा के और 10 राज्य सभा के सदस्य होते हैं । केन्द्र सरकार के कार्यालयों, बैंको तथा निगमों आदि में हिंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु संसदीय राजभाषा समिति अब तक महामहिम राष्ट्रपति जी को 9 प्रतिवेदन (रिपोर्ट) प्रस्तुत कर चुकी है और राष्ट्रपति जी द्वारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं । समिति संघ के सरकारी प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग में हुई प्रगति की समीक्षा करती है और उस पर सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है । राष्ट्रपति द्वारा राजभाषा अधिनियम ,1963 की धारा 4(4) के अनुसार समिति के प्रतिवेदन पर विचार करके निदेश जारी किया जाता है । 04 मार्च 1976 की अपनी बैठक में समिति ने मंत्रालयों,विभागों और उनके कार्यालयों तथा कंपनियों आदि में हिंदी के प्रयोग के पुनरीक्षण के लिए तीन उप समितियां बनाई हैं । इन उप समितियों का कार्यक्षेत्र नीचे लिखे अनुसार है:-
पहली उप समिति :
(क) रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग,
विधि, न्याय और कंपनी कार्य मंत्रालय
(ख ) हिंदी प्रशिक्षण, यांत्रिकीय और अन्य सुविधाएं, अनुवाद कार्य और हिंदी के काम से संबंधित स्टाफ
की व्यवस्था ।
दूसरी उप समिति :
रेल मंत्रालय, संचार मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, कृषि और सिंचाई मंत्रालय
तीसरी उप समिति :
वित्त मंत्रालय, पेट्रोलियम , रसायन और उर्वरक मंत्रालय, इस्पात और खान मंत्रालय, उर्जा मंत्रालय, विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग, वाणिज्य मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार नियोजन मंत्रालय, पर्यटन और नागर विमानन मंत्रालय, नौवहन और परिवहन मंत्रालय ।
राजभाषा अधिनियम , 1963 (यथासंशोधित, 1967)
(1963 का अधिनियम संख्यांक 19) - (10 मई 1963)
उन भाषाओं का, जो संघ के राजकीय प्रयोजनों, संसद में कार्य के संव्यवहार, केन्द्रीय और राज्य अधिनियमों और उच्च न्यायालयों में कतिपय प्रयोजनों के लिए प्रयोग में लाई जा सकेगी, उपबन्ध के लिए अधिनियम ।
भारत गणराज्य के चौदहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :
1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ -
(1)यह अधिनियम राजभाषा अधिनियम,1963 कहा जा सकेगा ।
(2)धारा 3, जनवरी 1965 के 26 वें दिन को प्रवृत्त होगी और इस अधिनियम के शेष उपबंध उस तारीख को प्रवृत्त हों जिसे केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करें और इस अधिनियम के विभिन्न उपबंधों के लिए विभिन्न तारीखें नियत की जा सकेंगी ।
2.परिभाषाएं :- इस अधिनियम में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -
(क)’नियत दिन’ से धारा 3 के संबंध में जनवरी 1965 का 26 वां दिन अभिप्रेत है और इस अधिनियम के किसी अन्य
उपबंध के संबंध में वह अभिप्रेत है जिस दिन को यह उपबंध प्रवृत्त होता है ।
(ख)’हिंदी ’से वह हिंदी अभिप्रेत है जिसकी लिपि देवनागरी है ।
3.राजकीय प्रयोजनों के लिए और संसद में प्रयोग के लिए अंग्रेजी भाषा का बना रहना
(1)संविधान के प्रारंभ से पन्द्रह वर्ष की कालावधि की समाप्ति हो जाने पर भी, हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा नियत दिन से ही :-
(क) संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए जिनके लिए वह उस दिन से ठीक पहले प्रयोग में लाई जाती थी तथा
(ख ) संसद में कार्य के संव्यवहार के लिए प्रयोग में लाई जाती रह सकेगी ।
परंतु संघ और किसी ऐसे राज्य के बीच, जिसने हिंदी को अपनी राजभाषा के रुप में नहीं अपनाया है, पत्रादि के प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा प्रयोग में लायी जाएगी ।
परंतु यह और कि जहां किसी ऐसे राज्य के, जिसने हिंदी को अपनी राजभाषा के रुप में अपनाया है और किसी अन्य राज्य के जिसने हिंदी को अपनी राजभाषा के रुप में नहीं अपनाया है, बीच पत्रादि के प्रयोजनों के लिए हिंदी को प्रयोग में लाया जाता है, वहां हिंदी में ऐसे पत्रादि के साथ-साथ उसका अनुवाद अंग्रेजी भाषा में भेजा जाएगा ।
परंतु यह और भी कि इस उप धारा की किसी भी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी ऐसे राज्य को, जिसने हिंदी को अपनी राजभाषा के रुप में नहीं अपनाया है, संघ या किसी अन्य राज्य के साथ उसकी सहमति से, पत्रादि के प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग बाध्यकर न होगा ।
(2)उप धारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, जहां पत्रादि के प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा :
i) केन्द्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग या कार्यालय के और दूसरे मंत्रालय या विभाग या कार्यालय के बीच:
ii) केन्द्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग या कार्यालय के और केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में के या नियंत्रण में के किसी निगम या कंपनी या उनके किसी कार्यालय के बीच :
iii) केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में के या नियंत्रण में के किसी निगम या कंपनी या उसके किसी कार्यालय के और किसी अन्य ऐसे निगम या कंपनी का कार्यालय के बीच :
प्रयोग में लाई जाती है, वहां उस तारीख तक, जब तक पूर्वोक्त संबंधित मंत्रालय, विभाग, कार्यालय का निगम या कंपनी का कर्मचारी हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त नहीं कर लेता, ऐसे पत्रादि का अनुवाद, यथास्थिति अंग्रेजी भाषा या हिंदी में भी दिया जाएगा ।
(3) उपधारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी हिंदी और अंग्रेजी भाषा दोनों ही :-
(i)संकल्पों, साधारण आदेशों, नियमों, अधिसूचनाओं, प्रशासनिक या अन्य प्रतिवेदनोंया प्रेस विज्ञप्तियों के लिए, जो केंद्रीय सरकार उसके किसी मंत्रालय, विभाग या कार्यालय द्वारा या केंद्रीय सरकार के स्वामित्व में के या नियंत्रण में के किसी निगम या कंपनी द्वारा या ऐसे निगम या कंपनी के किसी कार्यालय द्वारा निकाले जाते हैं या किए जाते हैं ।
(ii)संसद के किसी सदन या सदनों के समक्ष रखे गए प्रशासनिक तथा अन्य प्रतिवेदनों और राजकीय कागज़-पत्रों के लिए
(iii)केन्द्रीय सरकार या उसके किसी मंत्रालय, विभाग या कार्यालय द्वारा या उसकी ओर से या केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में के या नियंत्रण में के किसी निगम या कंपनी द्वारा या ऐसे निगम या कंपनी के किसी कार्यालय द्वारा निष्पादित संविदाओं और क़रारों के लिए तथा निकाली गई अनुज्ञप्तियों, अनुज्ञापत्रों, सूचनाओं और निविदा-प्रारुपों के लिए प्रयोग में लाई जाएगी ।
(4)उपधारा (1) या उपधारा (2) या उपधारा (3) के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना यह है कि केन्द्रीय सरकार के धारा-8 के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा उस भाषा या उन भाषाओं का उपबंध कर सकेगी जिसे या जिन्हें संघ के राजकीय प्रयोजन के लिए, जिसके अंतर्गत किसी मंत्रालय, विभाग, अनुभाग, या कार्यालय का कार्य है, प्रयोग में लाया जाना है और ऐसे नियम बनाने में राजकीय कार्य के शीघ्रता और दक्षता के साथ निपटारे का तथा जनसाधारण के हितों का सम्यक ध्यान रखा जाएगा और इस प्रकार बनाए गए नियम विशिष्टतया यह सुनिश्चित करेंगे कि जो व्यक्ति संघ के कार्यकलाप के संबंध में सेवा कर रहे हैं और जो या तो हिंदी में या अंग्रेजी भाषा में प्रवीण है, वे प्रभावी रुप से अपना काम कर सकें और यह भी कि केवल इस आधार पर कि वे दोनों ही भाषाओं में प्रवीण नहीं है उनका कोई अहित नहीं होता है ।
(5)उपधारा (1) के खंड (क) के उपबंध और उपधारा (2) उपधारा (3) और उपधारा (4) के उपबंध तब तक प्रवृत्त बने रहेंगे जब तक उनमें वर्णित प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग समाप्त कर देने के लिए ऐसे सभी राज्य के विधान मंडलों द्वारा जिन्होंने हिंदी को अपनी राजभाषा के रुप में नहीं अपनाया है, संकल्प पारित नहीं कर दिए जाते और जब तक पूर्वोक्त संकल्पों पर विचार कर लेने के पश्चात ऐसी समाप्ति के लिए संसद के हर एक सदन द्वारा संकल्प पारित नहीं कर दिया जाता ।
4.राजभाषा के संबंध में समिति :
(1)जिस तारीख को धारा -3 प्रवृत्त होती है उससे दस वर्ष की समाप्ति के पश्चात, राजभाषा के संबंध में एक समिति, इस विषय का संकल्प संसद के किसी भी सदन में राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी से प्रस्तावित और दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने पर, गठित की जाएगी ।
(2)इस समिति में तीस सदस्य होंगे जिनमें से बीस सदस्य लोक सभा के होंगे तथा दस राज्य सभा के होंगे जो क्रमशः लोक सभा के सदस्यों तथा राज्य सभा के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा निर्वाचित होंगे।
(3)इस समिति का कर्तव्य होगा कि वह संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग में की गई प्रगति का पुनर्विलोकन करें और उस पर सिफ़ारिशें करते हुए राष्ट्रपति को प्रतिवेदन करें और राष्ट्रपति द्वारा उस प्रतिवेदन को संसद के हर सदन के समक्ष रखा जाएगा और सभी राज्य सरकारों को भिजवाएगा।
(4)राष्ट्रपति उपधारा (1) में निर्दिष्ट प्रतिवेदन पर और उस पर राज्य सरकारों ने यदि कोई मत अभिव्यक्त किए हो तो उन पर विचार करने के पश्चात उस समस्त प्रतिवेदन के या उसके किसी नाम के अनुसार निर्देश निकाल सकेगा :
5.केन्द्रीय अधिनियमों आदि का प्राधिकृत हिंदी अनुवाद :-
(1)नियत दिन को और उसके पश्चात् शासकीय राजपत्र में राष्ट्रपति के प्राधिकार से प्रकाशित
(क) किसी केन्द्रीय अधिनियम का या राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किसी अध्यादेश का अथवा
(ख) संविधान के अधीन या किसी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन निकाले गए किसी आदेश, नियम, विनियम या उपविधि का हिंदी में अनुवाद उसकी हिंदी में प्राधिकृत पाठ समझा जाएगा ।
2. नियत दिन से ही उन सब विधेयकों के, जो संसद के किसी भी सदन में पुनः स्थापित किए जाने हों और उन सब संशोधनों के, जो उनके संबंध में संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किए जाने हों , अंग्रेजी भाषा के प्राधिकृत पाठ के साथ -साथ उनका हिंदी में अनुवाद भी होगा जो ऐसी रीति से प्राधिकृत किया जाएगा, जो इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित की जाए ।
6.कतिपय दशाओं में राज्य अधिनियमों का प्राधिकृत हिंदी अनुवाद
जहां किसी राज्य के विधान मंडल ने उस राज्य के विधान मंडल द्वारा पारित अधिनियमों में अथवा उस राज्य के राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों के प्रयोग के लिए हिंदी से भिन्न कोई भाषा विहित की है, वहां संविधान के अनुच्छेद 348 के खंड (3) द्वारा अपेक्षित अंग्रेजी भाषा में उसके अनुवाद के अतिरिक्त, उसका हिंदी में अनुवाद उस राज्य के शासकीय राजपत्र में, उस राज्य के राज्यपाल के प्राधिकार से, नियत दिन को या उसके पश्चात् प्रकाशित किया जा सकेगा और ऐसी दशा में ऐसे किसी अधिनियम या अध्यादेश का हिंदी में अनुवाद हिंदी भाषा में उसका प्राधिकृत पाठ समझा जाएगा ।
7.उच्च न्यायालयों के निर्णयों आदि में हिंदी या अन्य राजभाषा का वैकल्पिक प्रयोग
नियत दिन से ही या तत्पश्चात किसी भी दिन से किसी राज्य या राज्यपाल, राष्ट्रपति की पूर्व सम्मति से, अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिंदी या उस राज्य की राजभाषा क ा प्रयोग, उस राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित या दिए गए किसी निर्णय या आदेश के प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत कर सकेगा और जहां कोई निर्णय या आदेश (अंग्रेजी भाषा से भिन्न) ऐसी किसी भाषा में पारित किया या दिया जाता है वहां उसके साथ-साथ उच्च न्यायालय के प्राधिकार से निकाला गया अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद भी होगा ।
8.नियम बनाने की शक्ति
(1)केंद्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम शासकीय राजपत्र से अधिसूचना द्वारा बना सकेगी ।
(2)इस धारा के अधीन बनाया गया हर नियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र, संसद के हर एक सदन के समक्ष उस समय जब वह सत्र में हो, कुल मिलाकर तीस दिन की कालावधि के लिए, जो एक सत्र में या दो क्रमवर्ती सत्रों में समाविष्ट हो सकेगी, रखा जाएगा और यदि उस सत्र के, जिसमें वह ऐसे रखा गया हो, या ठीक पश्चातवर्ती सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई उपान्तर करने के लिए सहमत हो जाए कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात, यथास्थिति वह नियम ऐसे उपांतरित रुप में हो प्रभावशील होगा या उसका कोई भी प्रभाव न होगा, किन्तु इस प्रकार कि ऐसा कोई उपांतर या उस नियम के अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना होगा ।
9.कतिपय उपबंधों का जम्मू -कश्मीर को लागू न होना
धारा-6 और धारा -7 के उपबंध जम्मू-कश्मीर राज्य पर लागू नहीं होंगे ।
राजभाषा नियम (संघ के शासकीय प्रयोजनों के प्रयोग के लिए) 1976 (यथा संशोधित 1987)
सा.का.नि.1052 राजभाषा अधिनियम,1963 (1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती हैं , अर्थात :-
1.संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ
1)इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग ) नियम ,1976 है ।
2)इनका विस्तार तमिलनाडु राज्य के सिवाय संपूर्ण भारत पर हैं ।
3)ये राजपत्र में प्रकाशित की तारीख को प्रवृत्त होंगे ।
2.परिभाषाएं -इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो :-
(क) ’अधिनियम’ से राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19) अभिप्रेत है ।
(ख) ’केन्द्रीय सरकार के कार्यालय’ के अंतर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थात्-
(i)केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय
(ii)केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति, या अधिकरण का कोई कार्यालय और
(iii)केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या कंपनी का कोई कार्यालय
(ग) ’कर्मचारी’ से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है ।
(घ) ’अधिसूचित कार्यालय’ से नियम 10 के उप नियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय अभिप्रेत है ।
(ड.) ’हिंदी में प्रवीणता ’ से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है ।
(च) ’क्षेत्र ’क’ से उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड राज्य तथा दिल्ली एवं अंडमान और निकोबार द्वीप संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है ।
(छ) ’क्षेत्र ’ख’ से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब तथा चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है ।
(ज) ’क्षेत्र ’ग’ से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है ।
(झ) ’हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान’ से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है ।
3.राज्यों आदि और केन्दीय सरकार के कार्यालयों से भिन्न कार्यालयों के साथ पत्रादि
(1)केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र ’क’ में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केद्रीय सरकार का कार्यालय न हो ) या व्यक्ति को पत्रादि , असाधारण दशाओं को छोडकर हिंदी में होंगे और यदि उनमें से किसी कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिंदी अनुवाद भी भेजा जाएगा ।
(2)केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से -
(क) क्षेत्र ’ख’ में किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो ) या व्यक्ति को पत्रादि सामान्यतया हिंदी में होंगे और यदि कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका हिंदी अनुवाद भी भेजा जाएगा ।
परंतु यदि कोई ऐसा राज्य या संघ राज्यक्षेत्र यह चाहता है कि किसी विशिष्ट वर्ग के पत्रादि या उसके किसी कार्यालय के पत्रादि संबद्ध राज्य या संघ राज्य क्षेत्र की सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि तक अंग्रेजी या हिंदी में भेजे जाएं और उसके साथ दूसरी भाषा में उसका अनुवाद भी भेजा जाए तो ऐसे पत्रादि उसी रीति से भेजे जाएंगे ।
(ख) क्षेत्र ’ख’ के किसी राज्य या संघ में किसी व्यक्ति को पत्रादि हिंदी या अंग्रेजी में भेजे जा सकते हैं ।
(3)केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र ’ग’ में किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो ) या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में होंगे ।
(4)उपनियम (1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी क्षेत्र ’ग’ में केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र ’क’ या ’ख’ में किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो ) या व्यक्ति को पत्रादि हिंदी या अंग्रेजी में हो सकते हैं ।
परंतु हिंदी में पत्रादि ऐसे अनुपात में होंगे जो केन्द्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिंदी को कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या हिंदी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय समय पर अवधारित करें ।
4.केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि
(क) केंद्रीय सरकार के किसी एक मंत्रालय या विभाग या और किसी दूसरे मंत्रालय या विभाग के बीच पत्रादि हिंदी या अंग्रेजी में हो सकते हैं ।
(ख ) केंद्रीय सरकार के एक मंत्रालय या विभाग और क्षेत्र ’क’ में स्थित संलग्न या अधीनस्थ कार्यालयों के बीच पत्रादि हिंदी में होंगे और ऐसे अनुपात में होंगे जो केंद्रीय सरकार, ऐसे कार्यालयों में हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या , हिंदी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे संबंधित आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करें ।
(ग) क्षेत्र ’क’ में स्थित केंद्रीय कार्यालय के ऐसे कार्यालयों के बीच जो खंड (क) या खंड (ख ) में विनिर्दिष्ट कार्यालयों से भिन्न हैं, पत्रादि हिंदी में हों ।
(घ) क्षेत्र ’क’ स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों और क्षेत्र ’ख’ या ’ग’ में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिंदी या अंग्रेजी में हो सकते हैं ।
परंतु ये पत्रादि हिंदी में ऐसे अनुपालन में होंगे जो केंद्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखने वाले व्यक्तियों की संख्या हिंदी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे अनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करें ।
(ड.) क्षेत्र ’ख’ या ’ग’ में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों के बीच पत्रादि हिंदी या अंग्रेजी में हो सकते हैं ।
परंतु ये पत्रादि हिंदी में ऐसे अनुपात में होंगे जो केंद्रीय सरकार ऐसे कार्यालयों में हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखनेवाले व्यक्तियों की संख्या हिंदी में पत्रादि भेजने की सुविधाओं और उससे आनुषंगिक बातों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अवधारित करें ।
परंतु जहां ऐसे पत्रादि -
(i)क्षेत्र ’क’ या क्षेत्र ’ख’ के किसी कार्यालय को संबोधित है वहां यदि आवश्यक हो तो, उनका दूसरी भाषा में अनुवाद पत्रादि प्राप्त करने के स्थान पर किया जाएगा ।
(ii)क्षेत्र ’ग’ में किसी कार्यालय को संबोधित है, वहां उनका दूसरी भाषा में अनुवाद उनके साथ भेजा जाएगा।
परंतु यह और कि यदि कोई पत्रादि किसी अधिसूचित कार्यालय को संबोधित है तो दूसरी भाषा में ऐसा अनुवाद उपलब्ध कराने की अपेक्षा नहीं की जाएगी ।
5.हिंदी में प्राप्त पत्रादि के उत्तर
नियम 3 और नियम 4 में किसी बात के होते हुए भी, हिंदी में प्राप्त पत्रादि के उत्तर केंद्रीय सरकार के कार्यालय से हिंदी में दिए जाएंगे ।
6.हिंदी और अंग्रेजी दोनों का प्रयोग
अधिनियम-1963 की धारा-3 की उपधारा (3) में निर्दिष्ट सभी दस्तावेजों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनो का प्रयोग किया जाएगा और ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करनेवाले व्यक्तियों का यह उत्तरदायित्व होगाकि वे यह सुनिश्चित कर लें कि ऐसे दस्तावेज हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही में तैयार किए जाते हैं, निष्पादित किए जाते हैं और जारी किए जाते हैं ।
7.आवेदन,अभ्यावेदन आदि
(1)कोई कर्मचारी आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिंदी या अंग्रेजी में कर सकता है।,
(2)जब उपनियम (1) में विनिर्दिष्ट कोई आवेदन, अपील या अभ्यावेदन हिंदी में किया गया हो या उस पर हिंदी में हस्ताक्षर किए गए हों तब उसका उत्तर हिंदी में दिया जाएगा ।
(3)यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों (जिनके अंतर्गत अनुशासनिक कार्यवाहियां भी हैं ) से संबंधित कोई आदेश या सूचना, जिनका कर्मचारी पर तामील किया जाना अपेक्षित है, यथास्थिति, हिंदी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह उसे असम्यक विलंब के बिना उसी भाषा में दी जाएगी ।
8.केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में टिप्पणियों का लिखा जाना
(1)कोई कर्मचारी किसी फाइल पर टिप्पण या कार्यवृत्त हिंदी या अंग्रेजी में लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद दूसरी भाषा में प्रस्तुत करें ।
(2)केंद्रीय सरकार का कोई भी कर्मचारी, जो हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखता हो, हिंदी में किसी दस्तावेज के अंग्रेजी अनुवाद की मांग तभी कर सकता है, जब वह दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है, अन्यथा नहीं ।
(3)यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विशिष्ट दस्तावेज विधिक या तकनीकी प्रकृति का है या नहीं तो विभाग या कार्यालय का प्रधान उसका विनिश्चय करेगा ।
(4)उपनियम (1) में किसी बात के होते हुए भी केंद्रीय सरकार, आदेश द्वारा ऐसे अधिसूचित कार्यालयों को विनिर्दिष्ट कर सकती है जहां ऐसे कर्मचारियों द्वारा, जिन्हें हिंदी में प्रवीणता प्राप्त है, टिप्पणी, प्रारुपण और ऐसे अन्य शासकीय प्रयोजनों के लिए, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, केवल हिंदी का प्रयोग किया जाएगा ।
9.हिंदी प्रवीणता प्राप्त स्टाफ की परिभाषा
यदि किसी कर्मचारी ने-
मैट्रिक परीक्षा या उसके समतुल्य कोई परीक्षा हिंदी माध्यम से उत्तीर्ण कर ली है या स्नातक परीक्षा या उसके समतुल्य कोई परीक्षा अथवा उसके उच्चतर किसी अन्य परीक्षा में हिंदी को एक वैकल्पिक विषय लिया था।
10.हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान
यदि वह घोषणा करता है कि वह मैट्रिक या उसके समतुल्य कोई परीक्षा हिंदी विषय के साथ उत्तीर्ण कर ली है तो राजभाषा उपबंधों के अनुरुप उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसे हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान है।
11.मैनुअल, संहिताएं, प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य, लेखन सामग्री आदि-
(1)केंद्रीय सरकार के कार्यालयों से संबंधित सभी मैनुअल, संहिताएं और प्रक्रिया संबंधी अन्य साहित्य हिंदी और अंग्रेजी में द्विभाषिक रुप में यथास्थिति, मुद्रित या साइक्लोस्टाइल किया जाएगा और प्रकाशित किया जाएगा ।
(2)केंद्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग किए जानेवाले रजिस्टरों के प्रारुप और शीर्षक हिंदी और अंग्रेजी में होंगे ।
(3)केंद्रीय सरकार के किसी कार्यालय में प्रयोग के लिए सभी नामपट्ट, सूचना पट्ट, पत्र शीष्दा और लिफाफों पर उत्कीर्ण लेख तथा लेखन सामग्री की अन्य मदें हिंदी और अंग्रेजी में लिखी जाएंगी, मुद्रित या उत्कीर्ण होंगी ।
परंतु यदि केंद्रीय सरकार ऐसा करना आवश्यक समझती है तो वह, साधारण या विशेष आदेश द्वारा केंद्रीय सरकार के किसी कार्यालय को इस नियम के सभी या किन्ही उपबंधों से छूट दे सकती है।
12.अनुपालन का उत्तरदायित्व -
(1)केंद्रीय सरकार के प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह-
(i)यह सुनिश्चित करें कि अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों और उप नियम (2) के अधीन जारी किए गए निदेशों को समूचित रुप से अनुपालन हो रहा है और
(ii)इस प्रयोजन के लिए उपयुक्त और प्रभावकारी जांच के लिए उपाय करें ।
(2)केंद्रीय सरकार अधिनियम और इन नियमों के उपबंधों के सम्यक अनुपालन के लिए अपने कर्मचारियों और कार्यालयों को समय-समय पर आवश्यक निदेश जारी कर सकता है ।
भारतीय रेल की हिंदी प्रोत्साहन एवं पुरस्कार योजनाएं
(1)हिंदी परीक्षाएं
हिंदी प्रशिक्षण के लिए प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ पाठ्यक्रम है । इन पाठयक्रमों की अवधि 5-5 महिनों की है । वे पाठयक्रम पूर्णकालिक हैं और इन्हें नियत कार्य दिवसों में पूरा किया जाता है । पाठ्यक्रम की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए जाते हैं तथा विशेष योग्यता के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने पर निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती है :-
प्रबोध प्रवीण प्राज्ञ
70% से अधिक अंक प्राप्त करने पर 1600/- रुपए 1800/- रुपए 2400/- रुपए
60% से 69% तक अंक प्राप्त करने पर 800/- रुपए 1200/- रुपए 1600/- रुपए
55% से 59% तक अंक प्राप्त करने पर 400/- रुपए 600/- रुपए 800/- रुपए
हिंदी परीक्षाएं पास करने पर नियमानुसार एक वर्ष हेतु वैयक्तिक वेतन भी दिया जाता है ।
(2)निजी प्रयत्नों से हिंदी परीक्षा पास करने पर कर्मचारियों को एकमुश्त पुरस्कार
प्रबोध 1600/- रुपए प्राज्ञ 2400/- रुपए प्रवीण 1500/- रुपए हिंदी टंकण परीक्षा 1600/- रुपए हिंदी आशुलिपि 3000/- रुपए
(3)हिंदी टंकण एवं हिंदी आशुलिपि परीक्षा विशेष योग्याता से पास करने पर नकद पुरस्कार
हिंदी टंकण /आशुलिपि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य कर्मचारियों को हिंदी टंकण और हिंदी आशुलिपि में कौशलता प्रदान करना है ताकि वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के टंकण और आशुलिपि में दक्षता प्राप्त कर सकें । सफल प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाते हैं तथा विशेष योग्यता के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने पर निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती है :-
हिंदी टंकण पुरस्कार राशि
90% से 94% तक अंक प्राप्त करने पर 800/- रुपए
95% से 96% तक अंक प्राप्त करने पर 1600/- रुपए
97% या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर 2400/- रुपए
हिंदी आशुलिपि पुरस्कार राशि
88% से 91% तक अंक प्राप्त करने पर 800/- रुपए
92% से 94%÷¸ तक अंक प्राप्त करने पर 1600/- रुपए
95% या इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर 2400/- रुपए
4. हिंदी टाइपिंग/हिंदी आशुलिपि परीक्षा निजी तौर पर पास करने पर एकमुश्त पुरस्कार
हिंदी में सरकारी काम करने के लिए अंग्रेजी टाइपिस्टों/आशुलिपिकों को परीक्षा निजी तौर पर पास करने पर एकमुश्त पुरस्कार दिए जाने की योजना है, जो कि निम्नलिखित है :-
हिंदी टाइपिंग के लिए 800/- रुपए
हिंदी आशुलिपि के लिए 1500/- रुपए
नोट : इसके लिए टाइपिस्टों तथा हिंदी भाषा आशुलिपिकों को 12 माह के लिए एक वैयक्तिक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि का लाभ तथा हिंदीतर भाषा आशुलिपिकों को दो वेतनवृद्धि के बराबर की राशि का लाभ ।
5. आशुलिपिकों/टाइपिस्टों को देय प्रोत्साहन भत्ता
अंग्रेजी के अतिरिक्त हिंदी टाइपिंग/हिंदी आशुलिपि का कार्य करने वाले अंग्रेजी टंकक/आशुलिपिकों को क्रमशः 160/- रुपए तथा 240/- रुपए हिंदी प्रोत्साहन भत्ता प्रतिमाह की दर से दिया जाता है ।
6. हिंदी में डिक्टेशन देने वाले अधिकारियों को देय पुरस्कार
इस योजना के अंतर्गत हिंदी में डिक्टेशन देने वाले एक हिंदी भाषी और एक हिंदीतर भाषी रेल अधिकारी को प्रतिवर्ष निम्नानुसार नकद पुरस्कार दिए जाते हैं ।
हिंदी डिक्टेशन पुरस्कार शब्द सीमा राशि
क एवं ख क्षेत्र 20,000 5000/- रुपए
ग क्षेत्र 10,000 5000/- रुपए
7. रेल मंत्री हिंदी निबंध प्रतियोगिता
इस योजना का उद्देश्य रेल कर्मचारियों को रेल संचालन और प्रबंधन संबंधी विषयों पर निबंध लेखन के प्रति प्रेरित करना है । निबंध 2500 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना के अंतर्गत राजपत्रित अधिकारियों और अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए अलग-अलग निम्नलिखित पुरस्कार निर्धारित है :-
प्रथम पुरस्कार 6000/- रुपए (राजपत्रित तथा अराजपत्रित के लिए एक-एक )
द्वितीय पुरस्कार 4000/- रुपए (राजपत्रित तथा अराजपत्रित के लिए एक-एक)
8. मूल हिंदी टिप्पण एवं प्रारुप लेखन पुरस्कार योजना
सरकारी कामकाज में वर्ष के दौरान 20 हजार या अधिक शब्द हिंदी में लिखने वाले कर्मचारी इस योजना में भाग लेने के पात्र हैं और प्रत्येक विभाग /यूनिट को दस पुरस्कार दिए जा सकते है :-
प्रथम पुरस्कार (दो) 5000/- रुपए (प्रत्येक )
द्वितीय पुरस्कार(तीन) 3000/- रुपए (प्रत्येक)
तृतीय पुरस्कार(पांच) 2000/- रुपए (प्रत्येक)
9.हिंदी निबंध और वाक् प्रतियोगिताएं
रेल कार्यालयों में राजभाषा प्रयोग-प्रसार बढ़ाने के लिए अखिल भारतीय तथा क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं । इसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करनेवाले अधिकारियों/कर्मचारियों को निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती है :-
क्षेत्रीय स्तर पर अखिल भारतीय स्तर पर
प्रथम पुरस्कार 2000/- रुपए 3000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार 1600/- रुपए 2500/- रुपए
तृतीय पुरस्कार 1200- रुपए 2000/- रुपए
सांत्वना पुरस्कार 800/- रुपए 1500/- रुपए
10.हिंदी टिप्पण एवं प्रारुप लेखन प्रतियोगिता
यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है । इसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त करनेवाले कर्मचारियों को निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती हैं :-
क्षेत्रीय स्तर पर अखिल भारतीय स्तर पर
प्रथम पुरस्कार 2000/- रुपए 3000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार 1600/- रुपए 2500/- रुपए
तृतीय पुरस्कार 1200 रुपए 2000/- रुपए
सांत्वना पुरस्कार 800/- रुपए (तीन) 1500/- रुपए ( पांच)
11.रेल मंत्री राजभाषा शील्ड/ट्रॉफी पुरस्कार योजना :
इस योजना के तहत रेल मंत्रालय द्वारा ’क’, ’ख’ तथा ’ग’ क्षेत्र में स्थित प्रधान कार्यालयों /मंडलों तथा उत्पादन कारखानों को राजभाषा में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने हेतु अलग-अलग शील्ड, ट्रॉफी तथा चल वैजयंती प्रदान की जाती है । चुने गए सर्वश्रेष्ठ आदर्श स्टेशन/कारखाना को शील्ड के साथ-साथ 7000/-, 7000/- रुपए की नकद राशि भी प्रदान की जाती है, जिसे कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच समान रुप से वितरित किया जाता है ।
12.महाप्रबंधक राजभाषा व्यक्तिगत पुरस्कार
इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष हिंदी में प्रशंसनीय कार्य करनेवाले रेल कर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है और देय पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है ।
13.मंडल रेल प्रबंधक राजभाषा व्यक्तिगत पुरस्कार
इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष हिंदी में प्रशंसनीय कार्य करनेवाले रेल कर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है और देय पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है ।
14.रेल मंत्री व्यक्तिगत पुरस्कार
इस योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष हिंदी में प्रशंसनीय कार्य करनेवाले रेल कर्मियों को पुरस्कृत किया जाता है और निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती है :-
पुरस्कार राशि 1500/- रुपए प्रत्येक
15.लाल बहादुर शास्त्री तकनीकी मौलिक पुस्तक लेखन योजना तकनीकी रेल विषयों पर हिंदी में मौलिक पुस्तकें लिखने के लिए
रेलों से संबंधित तकनीकी विषयों पर मूल रुप से हिंदी में पुस्तकें लिखने वाले प्रतिभावान रेल कर्मियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने यह योजना लागू की है । पुस्तक मौलिक रचना होनी चाहिए । पुस्तक का विषय रेल संचालन या रेल प्रबंध से संबंधित होना चाहिए । पुस्तक सामान्यतः 100 पृष्ठ से कम नहीं होनी चाहिए । जिन पुस्तकों को इस पुरस्कार योजना के लिए पहले प्रस्तुत किया जा चुका है, उन्हें दोबारा प्रस्तुत नहीं किया जाए । इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित राशि प्रदान की जाती है ।
प्रथम पुरस्कार (एक) 15,000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार (एक) 7,000/- रुपए
तृतीय पुरस्कार (एक) 3,300/- रुपए
16.प्रेमचन्द पुरस्कार योजना
रेल कर्मियों की साहित्यिक प्रतिमा और अभिरुचि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय में कथा संग्रह /उपन्यास और कहानी पुस्तक लेखन पर प्रेमचन्द पुरस्कार योजना चला रखी है । पुस्तक लेखक की मौलिक कृति होनी चाहिए और पहले कहीं से पुरस्कृत न हो । किसी अन्य भाषा से ली गई अनूदित अथवा सम्पादित पुस्तकों पर विचार नहीं किया जाएगा । इस योजना के अंतर्गत एक लेखक को लगातार दो वर्ष तक पुरस्कृत नहीं किया जाएगा ।
प्रथम पुरस्कार (एक) 15,000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार (एक) 7,000/- रुपए
तृतीय पुरस्कार (एक) 3300/- रुपए
17.मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार योजना
इस योजना के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ काव्य संग्रह के लिए पुरस्कृत प्रदान किया जाता है । पुस्तक लेखक की मौलिक कृति होनी चाहिए और पहले कहीं से पुरस्कृत न हो । किसी अन्य भाषा से ली गई अनूदित अथवा सम्पादित पुस्तकों पर विचार नहीं किया जाएगा । इस योजना के अंतर्गत एक लेखक को लगातार दो वर्ष तक पुरस्कृत नहीं किया जाएगा ।
प्रथम पुरस्कार (एक) 15,000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार (एक) 7,000/- रुपए
तृतीय पुरस्कार (एक) 3,300/- रुपए
18.रेल यात्रा वृत्तांतों पर पुरस्कार
आम लोगों और रेल कर्मियों के रेल यात्राओं संबंधी अनुभव के आधार पर प्रत्येक कलेंडर वर्ष में पाए गए सर्वोत्तम यात्रा वृत्तांत के लिए निम्नानुसार नकद पुरस्कार प्रदान किए जाते है :-
प्रथम पुरस्कार (एक) 4,000/- रुपए
द्वितीय पुरस्कार (एक) 3,000/- रुपए
तृतीय पुरस्कार (एक) 2,000/- रुपए
19.अखिल रेल हिंदी नाट्योत्सव:- राजभाषा के प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग को बढ़ाने के लिए रेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष अखिल रेल स्तर पर हिंदी नाट्योत्सव का आयोजन किया जाता है । इस नाट्योत्सव में भाग लेने वाले रेल कर्मियों को स्मृति चिन्ह, प्रमाण-पत्र एवं नकद पुरस्कार राशि प्रदान करके सम्मानित किया जाता है ।
20. पत्रिका में प्रकाशित लेखों आदि के लिए पुरस्कार: रेलों द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं एवं पुस्तिकाओं में प्रकाशित लेखों, निबंध, कहानी एवं रचनाओं के लिए नकद पुरस्कार राशि प्रदान करने के प्रावधान हैं ।
गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग का गठन
गृह मंत्रालय के अधीन 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना की गई । सन 1960 में हिंदी न जानने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए हिंदी सेवा कालीन प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया । इसके बाद 1974 में केन्द्र सरकार के सभी उपक्रमों, निगमों और राष्ट्रीयकृत बैंको आदि में हिंदी प्रशिक्षण को अनिवार्य कर दिया गया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन विभिन्न स्थानों पर स्थापित केन्द्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान सरकारी कर्मचारियों के लिए हिंदी टंकण, हिंदी आशुलिपि तथा निम्नलिखित की व्यवस्था की जाती है ।
पाठ्यक्रम हिंदी भाषा का प्रशिक्षण तीन स्तरों पर दिया जाता है ।
(क) प्रबोध यह प्रारंभिक पाठ्यक्रम है जिसका स्तर प्राथमिक स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(ख)प्रवीण यह माध्यमिक स्तर का पाठ्यक्रम है जो मिडिल स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(ग) प्राज्ञ यह अंतिम पाठ्यक्रम है और इसका स्तर हाई स्कूल की हिंदी के बराबर है ।
(घ) हिंदी टंकण 25 शब्द प्रति मिनट
(ड़) हिंदी आशुलिपि 80/100 शब्द प्रति मिनट
हिंदी प्रवीणता प्राप्त स्टाफ की परिभाषा
यदि किसी कर्मचारी ने -
(क) मैट्रिक परीक्षा या उसकी समतूल्य या उससे उच्चतर कोई परीक्षा हिंदी के साथ उत्तीर्ण कर ली है : या
(ख) केंद्रीय सरकार की हिंदी प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत आयोजित प्राज्ञ परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है
(ग) यदि वह इन नियमों के उपाबध्द प्रारुप में घोषणा करता है कि उसने हिंदी का ज्ञान प्राप्त कर लिया है, उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त कर लिया है ।
हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान (नियम 9 और 10 देखिए )
यदि वह यह घोषणा करता है कि उसे हिंदी में प्रवीणता प्राप्त है और वह हिंदी का कार्य साधक ज्ञान रखता है तो उसके बारे में यह समझा जाएगा कि उसने हिंदी में प्रवीणता प्राप्त कर ली है ।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति
केन्द्र सरकार के देश भर में फैले कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने और भारत सरकार की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार के 10 या 10 से अधिक कार्यालयों के लिए नगर विशेष में स्थित केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंको आदि के वरिष्ठतम अधिकारियों में से एक अधिकारी की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के सचिव के अनुमोदन से नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति गठित की जाती है । वर्तमान में पूरे देश में लगभग 264 नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां गठित हैं । इस समिति की वर्ष में 2 बैठकें आयोजित करना आवश्यक है । इन बैठकों में सभी सदस्य कार्यालयों/उपक्रमों/बैंको आदि में राजभाषा कार्यान्वयन की समीक्षा की जाती है । समिति द्वारा सदस्य कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों /कर्मचारियों के लिए समय-समय पर हिंदी प्रशिक्षण, प्रतियोगिताएं तथा हिंदी कार्यशालाओं आदि की व्यवस्था की जाती है । समिति द्वारा सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए सभी सदस्य कार्यालयों को राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम तथा समय-समय पर जारी विभिन्न आदेशों एवं दिशा निर्देशों के बारे में व्यापक जानकारी दी जाती हैं ।
हिंदी के प्रयोग के लिए वर्ष 2020-21 का वार्षिक कार्यक्रम
क्र सं | कार्य विवरण | ’क’ क्षेत्र | ’ख’ क्षेत्र | ’ग’ क्षेत्र |
1. | हिंदी में मूल पत्राचार (ई-मेल, फैक्स, बेतार संदेश आदि सहित | 1. ’क’ क्षेत्र से क क्षेत्र को 2. ’क’ क्षेत्र से ख क्षेत्र को 3. ’क’ क्षेत्र से ग क्षेत्र को 4. ’क’ क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ के कार्यालय/व्यक्ति | 100%
100% 65%
100% | 1. ’ख’ क्षेत्र से क क्षेत्र को 2. ’ख’ क्षेत्र से ख क्षेत्र को 3. ’ख’क्षेत्र से ग क्षेत्र को 4. ’ख’ क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ के कार्यालय/व्यक्ति | 90%
90%
55%
90% | 1. ’ग’क्षेत्र से क क्षेत्र को 2. ’ग’क्षेत्र से ख क्षेत्र को 3. ’ग’ क्षेत्र से ग क्षेत्र को 4. ’ग’क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के राज्य/संघ के कार्यालय/व्यक्ति | 55% 55% 55% 55% |
2. | हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर | 100% | 100% | 100% |
3. 4. | हिंदी में टिप्पण हिंदी माध्यम द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम | 75% 70% | 50% 60% | 30% 30% |
5. | हिंदी टंकण करने वाले कर्मचारी एवं आशुलिपिक की भर्ती | 80% | 70% | 40% |
6. | हिंदी डिक्टेशन /की बोर्ड पर सीधे टंकण (स्वयं तथा सहायक द्वारा ) | 65% | 55% | 30% |
7. | हिंदी प्रशिक्षण (भाषा, टंकण, आशुलिपि) | 100% | 100% | 100% |
8. | द्विभाषी प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना | 100% | 100% | 100% |
9. | जर्नल और मानक संदर्भ पुस्तकों को छोड़कर पुस्तकालय के कुल अनुदान में से डिजिटल वस्तुओं अर्थात् हिंदी ई-पुस्तक, सीडी/डीवीडी, पैनड्राइव तथा अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में हिंदी में अनुवाद पर व्यय की गई राशि सहित हिंदी पुस्तकों की खरीद पर किया गया व्यय । | 50% | 50% | 50% |
10. | कंप्यूटर सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की द्विभाषी रुप में खरीद | 100% | 100% | 100% |
11. | वेबसाइट | 100% (द्विभाषी) | 100% (द्विभाषी) | 100% (द्विभाषी) |
12. | नागरिक चार्टर तथा जन सूचना बोर्डो आदि का प्रदर्शन | 100% (द्विभाषी) | 100% (द्विभाषी) | 100% (द्विभाषी) |
13. | (i) मंत्रालयों/विभागों और कार्यालयों तथा राजभाषा विभाग के अधिकारियों ) (उ.स./निदे/सं.स) द्वारा अपने मुख्यालय से बाहर स्थित कार्यालयों का निरीक्षण (कार्यालयों का प्रतिशत) | 25% ( न्यूनतम) | 25%( न्यूनतम) | 25%( न्यूनतम) |
| (ii) मुख्यालय में स्थित अनुभागों का निरीक्षण | 25%( न्यूनतम) | 25%( न्यूनतम) | 25%( न्यूनतम) |
| (iii) विदेश में स्थित केंद्र सरकार के स्वामित्व एवं नियंत्रण के अधीन कार्यालयों/उपक्रमों का संबंधित अधिकारियों तथा राजभाषा विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण | | वर्ष में कम से कम एक निरीक्षण | |
14. | राजभाषा संबंधी बैठके (क) हिंदी सलाहकार समिति (ख) नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (ग) राजभाषा कार्यान्वयन समिति | | वर्ष में 2 बैठकें (कम से कम ) वर्ष में 2 बैठकें (प्रति छमाही एक बैठक) वर्ष में 4 बैठकें (प्रति तिमाही एक बैठक) | |
15. | कोड, मैनुअल, फॉर्म, प्रक्रिया और साहित्य का हिंदी अनुवाद | 100% | 100% | 100% |
16. | मंत्रालयों/विभागों/कार्यालयों/बैंकों/उपक्रमों के पैसे अनुभाग जहां संपूर्ण कार्य हिंदी में हो | "क" क्षेत्र 40% | "ख" क्षेत्र 30% | "ग " क्षेत्र 20% |
| | | (न्यूनतम अनुभाग ) | |
| | सार्वजनिक क्षेत्र के उन उपक्रमों आदि, जहां अनुभाग जैसी कोई अवधारणा नहीं, "क " क्षेत्र में कुल कार्यक्षेत्र का 40% "ख" क्षेत्र में 25% और "ग" क्षेत्र में 15% कार्य हिंदी में किया गया । | |
| | | | | | | |
हिन्दी अंक
1 | एक | | 26 | छब्बीस | | 51 | इक्यावन | | 76 | छिहत्तर |
2 | दो | 27 | सत्ताईस | 52 | बावन | 77 | सतहत्तर |
3 | तीन | 28 | अठ्ठाईस | 53 | तिरपन | 78 | अठहत्तर |
4 | चार | 29 | उनतीस | 54 | चौवन | 79 | उन्यासी |
5 | पांच | 30 | तीस | 55 | पचपन | 80 | अस्सी |
6 | छः | 31 | इकतीस | 56 | छप्पन | 81 | इक्यासी |
7 | सात | 32 | बत्तीस | 57 | सत्तावन | 82 | बयासी |
8 | आठ | 33 | तैंतीस | 58 | अठावन | 83 | तिरासी |
9 | नौ | 34 | चौंतीस | 59 | उनसठ | 84 | चौरासी |
10 | दस | 35 | पैंतीस | 60 | साठ | 85 | पचासी |
11 | ग्यारह | 36 | छत्तीस | 61 | इकसठ | 86 | छियासी |
12 | बारह | 37 | सैंतीस | 62 | बासठ | 87 | सतासी |
13 | तेरह | 38 | अड़तीस | 63 | तिरसठ | 88 | अठ्ठासी |
14 | चौदह | 39 | उनतालीस | 64 | चौंसठ | 89 | नवासी |
15 | पंद्रह | 40 | चालीस | 65 | पैंसठ | 90 | नब्बे |
16 | सोलह | 41 | इकतालीस | 66 | छियासठ | 91 | इक्यानबे |
17 | सत्रह | 42 | बयालीस | 67 | सड़सठ | 92 | बानबे |
18 | अठारह | 43 | तैंतालीस | 68 | अड़सठ | 93 | तिरानबे |
19 | उन्नीस | 44 | चवालीस | 69 | उनहत्तर | 94 | चौरानबे |
20 | बीस | 45 | पैंतालीस | 70 | सत्तर | 95 | पंचानबे |
21 | इक्कीस | 46 | छियालीस | 71 | इकहत्तर | 96 | छियानबे |
22 | बाईस | 47 | सैंतालीस | 72 | बहत्तर | 97 | सत्तानबे |
23 | तेर्हस | 48 | अड़तालीस | 73 | तिहत्तर | 98 | अठ्ठानबे |
24 | चौबीस | 49 | उनचास | 74 | चौहत्तर | 99 | निन्यानबे |
25 | पच्चीस | 50 | पचास | 75 | पचहत्तर | 100 | सौ |
एक हजार- 1,000 एक लाख-1,00,000
एक करोड़-1,00,00,000/- एक अरब-1,00,00,00,000/-
गूगल वाइस टाइपिंग
मोबाइल फोन पर गूगल वाइस टाइपिंग के लिए :
1.Play Store में जाकर Google Indic Keyboard डाउनलोड करें और इंस्टाल करें ।
2.Setting>Language and Input में जाकर Keyboard & Input Method में से Google Indic Keyboard को टिक करें तथा Default में भी Google Indic Keyboard को चुने , इसके अतिरिक्त गूगल वॉइस टाइपिंग विकल्प को भी टिक करें ।
3.जिस भी एप्लीकेशन में टाइप करना हो, टाइप करने के लिए क्लिक करने पर की-बोर्ड उपलब्ध होगा की-बोर्ड के ऊपरी दाएं हिस्से पर उपलब्ध माइक्रोफोन बटन क्लिक करें ।
4.Setting Option में जाकर हिन्दी भाषा का चयन करें ।
5.अब आपका फोन वॉइस टाइपिंग के लिए तैयार है । उपरोक्त प्रक्रिया केवल एक बार ही करने की आवश्यकता होगी ।
6.जब भी टाइप करना हो की बोर्ड पर उपलब्ध माइक्रोफोन के बटन पर क्लिक करें और सामान्य गति और वॉल्यूम से स्पष्ट रुप से अपना पाठ बोलें, इससे आप SMS, WhatsApp, E-mail, Google Docs आदि पर वॉइस टाइपिंग कर सकेंगे ।
कंप्यूटर पर गूगल वाइस टाइपिंग के लिए :
Øसबसे पहले क्रोम ब्राउज़र Open करें ।
Øयह सुनिश्चित करें कि आपके कंप्यूटर से एक माइक्रोफोन जुड़ा हुआ है और वह काम करता है ।
Øएक जी-मेल का यूजर आईडी-पासवर्ड होना जरुरी है ।
ØChrome ब्राउज़र में www.google.com खोलें।
Øगूगल एप्स पर क्लिक करके More Option क्लिक करें ।
Øअब गूगल Docs(डॉक्स) पर क्लिक करें एवं अपना जी-मेल आईडी से लॉग-इन करें ।
Øगूगल डॉक्स में गए नया दस्तावेज़ (New Document) खोलें ।
ØTools मेनू >Voice Typing (वॉइस टाइपिंग) पर क्लिक करें ।
Øपॉप-अप माइक्रोफोन बॉक्स से भाषा Hindi( हिंदी ) का चयन करें ।
Øअब आप पाठ बोलने के लिए तैयार हैं तो माइक्रोफोन बॉक्स पर क्लिक करें ।
Øसामान्य गति और वॉल्यूम से स्पष्ट रुप से अपना पाठ बोलें ।
Øरोकने के लिए माइक्रोफोन पर पुनः क्लिक करें ।
ØFile(फाइल) में जाकर Download as कर इसे अपने Computer पर save कर सकते हें, अथवा copy Past करें ।
पारिभाषिक शब्दावली
अंग्रेजी शब्द | हिंदी शब्द | अंग्रेजी शब्द | हिंदी शब्द |
A |
Amendment | संशोधन | Arrears | बक़ाया |
Affidavit | शपथ-पत्र | Attention | ध्यान देना |
Acknowledgement | पावती | Authorized | प्राधिकृत |
Ad-hoc | तदर्थ | Automated | स्वचलित |
B |
Backlog | पिछला बकाया | Business | व्यवसाय |
C |
Capital | पूंजी | Compensate | क्षतिपूर्ति |
Charge sheet | आरोप पत्र | Conveyance Reimbursement | वाहन प्रतिपूर्ति |
D |
Deduction | कटौती | Disbursement | संवितरण |
Departmental approval | विभागीय अनुमोदन | Distributor | वितरक |
Detail | ब्यौरा | Duty free | शुल्क मुक्त |
E |
Effective | प्रभावी | Excise Duty | उत्पाद शुल्क |
Eligibility | योग्यता | Extension | विस्तार |
Enrolment | नामांकन | Execution | निष्पादन |
|
Feed Back | प्रतिपुष्टि | First Aid | प्राथमिक उपचार |
Final Settlement | अंतिम निपटान | Further action | अगली कार्रवाई |
G |
Gate Pass | प्रवेश पत्र | Grievance | शिकायत |
H |
Hard & fast rules | पक्के नियम | Honorarium | मानदेय |
I |
Implementation | कार्यान्वयन | Increment | वेतन वृद्धि |
Import | आयात | Investment | निवेश |
L |
Land Acquisition | भूमि अधिग्रहण | Leave Encashment | अवकाश नकदीकरण |
Lay out | अभिन्यास | Loan | ऋण |
M |
Manpower | श्रम शक्ति | Mutation | नामांकरण |
N |
Nationality | राष्ट्रीयता | No objection certificate | अनापत्ति प्रमाण-पत्र |
O |
Objection | आपत्ति | On the spot | घटना स्थल पर |
on an average | औसतन | overtime Allowance | समयोत्तर कार्यभत्ता |
P |
Parliamentary | संसदीय | Performance management | निष्पादन प्रबंधन |
Payment | भुगतान | Petition | याचिका |
Prior Permission | पूर्व अनुमति | Purchase Order | क्रय आदेश |
Q |
Qualifying Test | योग्यता परीक्षा | Quarterly Meeting | तिमाही बैठक |
R |
Recommendation | सिफ़ारिश | Review Meet | समीक्षा बैठक |
S |
Solemn | सत्यनिष्ठ | Strategy | रणनीति |
System | प्रणाली | Systems & Procedures | प्रणाली और प्रक्रियाएं |
T |
Tax Benefit | कर लाभ | Trainee | प्रशिक्षु |
Terminal | टर्मिनल | Transfer | स्थानांतरण |
Termination | समाप्ति | Trilingual | त्रिभाषी |
U |
Unconditional | बिना शर्त | unlimited | असीमित |
Unique | अद्वितीय | user Guide | उपयोगकर्ता मार्गदर्शिका |
V |
Vigilance Clearance | सतर्कता मंजूरी | Voluntary | स्वैच्छिक |
W |
Waiting List | प्रतीक्षा सूची | Working Committee | कार्य समिति |
Y |
Year ending | वर्षांत | Year Planning | वर्ष योजना |
| | | | |
| नेमी टिप्पणियाँ | | ROUTINE NOTING |
1 | कृपया बात करें/कृपया चर्चा करें | 1 | Please speak/Please discuss |
2 | बात कर ली/चर्चा कर ली | 2 | Spoken/Discussed |
3 | देख लिया, धन्यवाद | 3 | Seen, thanks |
4 | सिफ़ारिश की जाती है | 4 | Recommended |
5 | अनुमोदन | 5 | Approval |
6 | स्वीकृत/मंजूर | 6 | Sanctioned |
7 | संबंधित कागजों के साथ प्रस्तुत करें | 7 | Please put up with relevant papers |
8 | नियम जोड़कर प्रस्तुत करें | 8 | Please link up rulings |
9 | यथा प्रस्तावित कार्रवाई करें | 9 | Action may be taken as proposed |
10 | सभी को दिखाकर फाइल कर दीजिए | 10 | Please circulate and file |
11 | सभी संबंधित व्यक्ति इसे ध्यान से नोट कर लें | 11 | All concerned should note carefully |
12 | तुरंत अनुस्मारक भेजें | 12 | Issue reminder urgently |
13 | आवश्यक व्यवस्था करें | 13 | Make necessary arrangements |
14 | कृपया कार्रवाई शीघ्र करें | 14 | please expedite action |
15 | उनको तद्नुसार सूचित करें | 15 | Please inform him accordingly |
16 | आगे मार्गदर्शन के लिए नोट किया गया | 16 | Noted for future guidance please |
17 | आवेदन अस्वीकार कर दिया जाए | 17 | Application may be rejected |
18 | आवेदन स्वीकार किया जाए | 18 | Application may be accepted |
19 | आज ही भेजिए/आज ही भेज दिया जाए | 19 | Issue today |
20 | मसौदा (प्रारुप) अब जारी कर दिया जाए | 20 | Draft may now be issued |
21 | अनुरोध है कि शीघ्र आदेश दें | 21 | Early orders are solicited |
22 | कृपया अनुमोदन के लिए | 22 | For approval please |
23 | अवलोकन करके लौटाने के लिए | 23 | For perusal and return |
24 | मामला विचाराधीन है | 24 | Matter is under consideration |
25 | अभी तक इस विषय में कोई निर्णय नहीं लिया गया है | 25 | No decision has so far been taken in the matter |
26 | कृपया स्वयं चर्चा करें | 26 | Please discuss personaly |
27 | कृपया इसे अत्यंत आवश्यक समझें | 27 | Please treat it as most urgent |
28 | जांच की और ठीक पाया | 28 | verified and found correct |
29 | उचित माध्यम से | 29 | Through Proper channel |
30 | इस शर्त पर कि | 30 | Subject to the condition that |
31 | अन्य (आगे) आदेश होने तक | 31 | Till further orders |
32 | अपेक्षित सूचना बिना विलम्ब प्रस्तुत की जाएं | 32 | Required information may please be furnished without delay |
पत्राचार के लिए हिंदी के आदर्श वाक्य
1.आपके कार्यालय के पत्र सं -----------------------दिनांक --------- के संदर्भ में ।
2.कृपया पावती भेजें । 3. कृपया पुष्टि की जाती है । 4. कृपया शीघ्र सूचना भेजी जाती है ।
5. संबंधित पत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, कृपया प्रति भेजें ।
6. आपके उपर्युक्त पत्र के साथ परिशिष्ट /अनुलग्नक/कागजात प्राप्त नहीं हुए हैं । कृपया इन्हें शीघ्र भेजें ।
7. आपके कार्यालय के पत्र सं ------------------ दिनांक ------------- के संदर्भ में अपेक्षित आंकड़े/आवधिक रिपोर्ट/मासिक
रिपोर्ट/वार्षिक रिपोर्ट/सूचना आपके सूचना एंव आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित की जाती है ।
8. कृपया मामलें की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं ।
9. अपेक्षित सूचना अभी तक नहीं मिली है । कृपया इसे तत्काल भेजने की व्यवस्था करें ।
10. अभी सूचना सभी अनुभागों से प्राप्त नहीं हुई हैं, उनसे सूचना प्राप्त होने पर शीघ्र ही भेजी जाएगी ।
11. दिनांक ------------- को निर्धारित बैठक/कार्यशाला/सम्मलेन/संगोष्ठी को अगले आदेशों /सूचना
तक स्थगित/रद्द किया जाता है ।
12. कृपया इसे अति आवश्यक समझें ।
13. दिनांक -----------को होने वाली बैठक/कार्यशाला/संगोष्ठी अब दिनांक -------को होगी ।
14. वांछित /अपेक्षित पत्र/दस्तावेज /रिपोर्ट की प्रति इस पत्र के साथ भेजी जा रही है । असुविधा के लिए
खेद है ।
15. कृपया उपर्युक्त विषय से संबंधित सूचना नीचे दिए गए प्रपत्र दिनांक --------तक अवश्य भेजें ।
16. इस कार्यालय /अनुभाग में कार्यरत श्री -------------का आवेदन -पत्र/प्रार्थना पत्र दिनांक -----
मूल रुप से आपकी सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजा जाता है ।
संक्षिप्त पदनाम
हिंदी में संक्षिप्त रुप | हिदीं में | अंग्रेजी में |
म.प्र | महाप्रबंधक | GM |
अ.म.प्र. | अपर महाप्रबंधक | AGM |
व.उ.म.प्र | वरिष्ठ उप महाप्रबंधक | SDGM |
सचि म प्र | महाप्रबंधक के सचिव | SECY .GM |
मु.स.अधि. | मुख्य सतर्कता अधिकारी | CVO |
वविधि | वरिष्ठ विधि अधिकारी | SLO |
मु.ज.सं.अधि | मुख्य जनसंपर्क अधिकारी | CPRO |
व.सा.अधि | वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी | SSO |
मुराधि | मुख्य राजभाषा अधिकारी | MRA |
उ.म.प्र.(रा.भा.) | उप महाप्रबंधक (राजभाषा) | DGM(OL) |
मु.सु.आ. | मुख्य सुरक्षा आयुक्त | CSC |
उ.मु.सु.आ. | उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त | DY.CSC |
व.मं.सु.आ | वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त | SR.DSC |
वि.स.मु.ले.धि | वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी | FA &CAO |
उ.वि.स.मु.ले.धि | उप वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखा अधिकारी | DY.FA &CAO |
व.मं.वि.प्र. | वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक | SR.DFM |
मु.वा.प्र | मुख्य वाणिज्य प्रबंधक | CCM |
उ.मु.वा.प्र | उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक | DY.CCM |
मु.सि.दू.इंजी | मुख्य सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर | CSTE |
उ.मु.सि.दू.इंजी | उप मुख्य सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर | DY.CSTE |
व.मं.सि.दू.इंजी | वरिष्ठ मंडल सिगनल एवं दूर संचार इंजीनियर | SR.DSTE |
मु.या.इंजी | मुख्य यांत्रिक इंजीनियर | CME |
उ.मु.यां.इंजी | उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर | DY.CME |
व.मं.यां.इंजी | वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर | SR.DME |
प्र.मु.इंजी | प्रमुख मुख्य इंजीनियर | PCE |
भं.नि. | भंडार नियंत्रक | COS |
उ.भं.नि. | उप भंडार नियंत्रक | DY.COS |
व.मं.स.प्र | वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक | SR.DMM |
मु.प्र.अधि. | मुख्य प्रशासनिक अधिकारी | CAO |
मु.इंजी | मुख्य इंजीनियर | CE |
उ.मु.इंजी | उप मुख्य इंजीनियर | DY.CE |
मु.बि.इंजी | मुख्य बिजली इंजीनियर | CEE |
उ.मु.बि.इंजी. | उप मुख्य बिजली इंजीनियर | DY.CEE |
व.मं.बि.इंजी. | वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर | SR.DEE |
मु.परि.प्र. | मुख्य परिचालन प्रबंधक | COM |
उ.मु.परि.प्र | उप मुख्य परिचालन प्रबंधक | DY.COM |
व.मं.परि.प्र. | वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक | SR.DOM |
मु.का.धि. | मुख्य कार्मिक अधिकारी | CPO |
उ.मु.का.अधि. | उप मुख्य कार्मिक अधिकारी | DY.CPO |
व.का.अधि. | वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी | SPO |
व.मं.का.अधि. | वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी | SR.DPO |
मु.चि.नि. | मुख्य चिकित्सा निदेशक | CMD |
उ.मु.चि.नि. | उप मुख्य चिकित्सा निदेशक | DY.CMD |
मु.चि.अधी. | मुख्य चिकित्सा अधीक्षक | CMS |
वि.का.अधि. | विशेष कार्य अधिकारी | OSD |
मु.का.प्र. | मुख्य कारखाना प्रबंधक | CWM |
अंग्रेजी से हिंदी में लिप्यंतरित कतिपय शब्द
अंग्रेजी में | हिंदी | अंग्रेजी में | हिंदी |
Senior Section Engineer | सीनियर सेक्शन इंजीनियर | Alarm | अलार्म |
Agency | एजेन्सी | Bill | बिल |
Batch | बैच | Budget | बजट |
Booking | बुकिंग | Bureau | ब्यूरो |
Bulletin | बुलेटिन | Brake | ब्रेक |
Circle | सर्कल | Charge man | चार्जमैन |
Coupon | कूपन | Depot | डिपो |
Diploma | डिप्लोमा | Duty | डयूटी |
File | फाइल | Flat | फ्लैट |
Express | एक्सप्रेस | Folio | फोलियो |
Gate Pass | गेट पास | Grade | ग्रेड |
Folder | फोल्डर | Firm | फर्म |
Duty Roster | डयूटी रोस्टर | License | लाइसेंस |
Log Book | लॉग बुक | Lobby | लॉबी |
Motor | मोटर | Monogram | मोनोग्राम |
Guarantee | गारंटी | Report | रिपोर्ट |
Pension Card | पेंशन कार्ड | Shareholder | शेयर होल्डर |
Press | प्रेस | Public school | पब्लिक स्कूल |
Quotation | कोटेशन | Quota | कोटा |
Premium | प्रीमियम | Terminus | टर्मिनस |
Registry | रजिस्ट्री | Studio | स्टूडिओ |
Tier | टियर | Warranty | वारंटी |
Ticket | टिकट | Royalty | रॉयल्टी |
Typewriter | टाइपराइटर | | |
विभागीय परीक्षाओं में पूछे जानेवाले कतिपय प्रश्न
1.संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार हिंदी देश की राजभाषा है ?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी हमारे देश की राजभाषा है । इस अनुच्छेद में ये व्यवस्था है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रुप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रुप होगा ।
2.राजभाषा नियम, 1976 के अनुसार भारत को कितने क्षेत्रों में बांटा गया है ? प्रत्येक क्षेत्र में स्थित राज्यों के नाम लिखें ।
(1) "क" क्षेत्र - हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह ।
(2)"ख" क्षेत्र- पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, दमण और दीव, दादरा और नगर हवेली तथा चंडीगढ़
(3)"ग" क्षेत्र- जम्मू कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपूर, मेघालय, मिजोराम, त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उड़िसा, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, गोवा, पांडिचेरी, लक्षदीप ।
3.संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल भाषाओं के नाम लिखें ।
1.असमिया, 2. उड़िया, 3. उर्दू, 4. कन्नड, 5. कश्मीरी, 6. कोंकणी, 7. गुजराती, 8. डोंगरी, 9. तमिल 10. तेलगू
11. नेपाली, 12. पंजाबी, 13. बांग्ला, 14. बोडो, 15. मणिपुरी, 16. मराठी, 17. मलयालम
18. मैथिली, 19. संथाली, 20. संस्कृत, 21 सिंधी, 22. हिंदी
4.राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अंतर्गत कौन-कौन से कागजात आते है ?
1. संकल्प, 2. सामान्य आदेश, 3. नियम, 4. अधिसूचनाएं, 5. प्रशासनिक और अन्य रिपोर्ट, 6. प्रेस विज्ञप्ति 7. संविदा, 8. करार, 9. लाइसेंस, 10. परमिट, 11. सूचना, 12. निविदा प्रारुप 13. संसद के किसी सदन के समक्ष रखी जाने वाली प्रशासनिक/अन्य रिपोर्ट 14. अन्य काग़जात
5.राजभाषा और राष्ट्रभाषा में क्या अंतर है ?
सरकार का सरकारी काम-काज जिस भाषा में किया जाता है वह राजभाषा है और देश की अधिकांश जनता जिस भाषा को बोलती है उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं अर्थात् पूरे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाली भाषा ही राष्ट्रभाषा कहलाती है । इस प्रकार संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल 22 सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रभाषाएं हैं ।
6.हिंदी दिवस कब एवं क्यों मनाया जाता है ?
हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है । इसी दिन ( 14 सितंबर 1949) भारतीय संविधान सभा ने इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा प्रदान किया था ।
7.राजभाषा समितियों का गठन किस-किस स्तर पर किया गया है एवं इन समितियों की बैठक कितने समय बाद होती है ?
1.केंद्रीय हिंदी समिति (अध्यक्ष, प्रधानमंत्री)
2.मंत्रालय स्तर पर, रेलवे बोर्ड (अध्यक्ष-रेलवे बोर्ड)
3.क्षेत्रीय रेल स्तर पर (अध्यक्ष महाप्रबंधक)
4.मंडल स्तर पर (अध्यक्ष-मंडल रेल प्रबंधक)
5.स्टेशन स्तर पर (अध्यक्ष-वरिष्ठतम अधिकारी/प्रबंधक/पर्यवेक्षक)
प्रत्येक बैठक वर्ष में चार बार अर्थात् हर तिमाही में आयोजित की जानी अपेक्षित है ।
8.वर्तमान में पश्चिम रेलवे में कुल कितनी स्टेशन राजभाषा कार्यान्वयन समितियां हैं ? उनके नाम लिखिए ।
9.राजभाषा कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष कौन है ? समिति की गतिविधियों के बारे में संक्षेप में लिखिए ।
10.केन्द्रीय सरकारी कार्यालयों की नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के बारे में आप क्या जानते हैं, समिति पर एक संक्षेप नोट लिखें ।
11.भारतीय रेलवे द्वारा राजभाषा प्रचार-प्रसार हेतु लागू की गई प्रमुख प्रोत्साहन योजनाओं का उल्लेख करें ।
12.स्टेशन/कार्यालय में किन-किन मदों में राजभाषा का प्रयोग आवश्यक है और राजभाषा नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी होती है ?
13.केन्द्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान किस मंत्रालय के अधीन आते है ? प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ के स्तरों का उल्लेख करें ।
14.भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राजभाषा विभाग की स्थापना कब की गई ? राजभाषा विभाग की गतिविधियों के बारे में लिखें ।
15.संसदीय राजभाषा समिति से क्या तात्पर्य है ? रेल कार्यालयों का निरीक्षण कौन सी समिति करती है ? समिति की गतिविधियों का वर्णन करें ?
16.भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ भारत की अन्य भाषाओं के शब्दों को भी स्वीकार किया जा सकता है ।
17.चालू वित्त वर्ष में भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम के अनुसार किस मद में किस क्षेत्र के लिए कितने प्रतिशत लक्ष्य निर्धारित किया गया है ?
18.भारतीय संविधान में न्यायालयों में राजभाषा के प्रयोग हेतु कौन-कौन से प्रावधान किए गए हैं ? संक्षेप में लिखें ।
19.कार्यालयों में राजभाषा के प्रयोग में कौन-कौन सी समस्याएं आती हैं, उन्हे किस प्रकार दूर किया जा सकता है ।
20.राजभाषा नियम 1976 के नियम-12 के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में लिखे ।
(गोपनीय रिपोर्ट के वाक्यांश)
Academic | शैक्षणिक / अकादमिक |
Accomplished | सिद्ध / प्रवीण / कुशल |
Accuracy | परिशुद्धता / यथार्थ /सही |
Achievements | उपलब्धियां |
Adamant Attitude | अड़ियल रवैया |
Admonish | भर्त्सना करना |
Adventurous | साहसी |
Adverse | प्रतिकूल |
All Rounder | सर्वकार्य कुशल |
Amenable | आज्ञाकारी |
Appreciate | समझना, सराहना |
Assumes responsibilities | उत्तरदायित्व वहन करते है |
Average | औसत, सामान्य |
Adverse | प्रतिकूल |
Behaviour | व्यवहार / गतिविधि |
Beyond doubt | संदेह से परे / असंदिग्ध |
Borne in mind | ध्यान में रखना |
Brilliant | सक्षमता, प्रतिभाशाली |
Concentrate | केंद्रित होना या करना |
Confident | विश्वास / भरोसा |
Confine | सीमित रखना |
Commitment | वचनबद्धता / जुड़ाव |
Competent | समर्थ, सक्षम, निपुण सुयोग्य |
Dedication | समर्पणभाव |
Diligent | मेहनती, परिश्रमी, उद्यमी, अध्यवसायी |
Energetic | कर्मशील, स्फूर्तिवान, कर्मठ |
Exemplary | अनुकरणीय, शिक्षात्मक,आदर्श स्वरूप |
Facile | सरलस्वभाव, विनयशील, सौम्य, मृदु |
Fit for promotion | पदोन्नति के योग्य |
Follow-up-action | अनुवर्ती कार्रवाई |
Foresight | दूरदर्शिता |
Good command over language | भाषा पर अच्छा अधिकार |
Impartial | निष्पक्ष |
Immodest | अविनीत, धृष्ट |
Industrious | परिश्रमी, अध्यवसायी, मेहनती |
Initiative | पहल शक्ति, पहल, स्वतःप्रेरणा |
Interpersonal | परस्पर |
Intricate | जटिल, पेचीदा |
Luminary | प्रकांड विद्वान |
Methodical | रीति - परायण, पद्धतिशील |
Motivation | उत्प्रेरण |
Ordinary | साधारण, मामूली सामान्य |
Potential | संभावनाएं, संभाव्य |
Prompt | तत्पर, स्फूर्त, तुरंत कार्य करनेवाला |
Punctual | समय का पाबंद |
Qualitative | गुणात्मक |
Reliable | विश्वसनीय, विश्वस्त |
Reviewing officer | पुनरीक्षण अधिकारी |
Richly deserves promotion | पूर्णतया पदोन्नति का पात्र है |
Shortfalls | कमियां |
Smart | फुर्तीला, चुस्त |
Submissive | आज्ञाकारी, विनम्र |
Tactful | व्यवहार कुशल, चतुर, पटु |
Team spirit | टीम भावना, समूह भावना |
Very efficient | अत्यंत कार्यकुशल |
Well disciplined | सु-अनुशासित |
Well read | बहुपठित, अध्ययन अच्छा है |
Willing | प्रस्तुत, तत्पर, इच्छुक |
Willingness | इच्छा शक्ति |
Willing support | स्वतःस्फूर्त समर्थन |
Zeal work with | उत्साह से काम करते है |