भारतीय रेल इंजीनियरी सेवा (IRSE) के 1983 बैच के वरिष्ठ अधिकारी श्री आलोक कंसल ने 14 जनवरी, 2020 को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक पद का कार्यभार ग्रहण करने के पहले श्री आलोक कंसल रेलवे बोर्ड में प्रधान कार्यपालक निदेशक/सिविल इंजीनियरिंग (योजना) के पद पर कार्यरत थे।
·श्री कंसल ने रूड़की विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक के साथ अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। आपने इसी इंस्टीट्यूट से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में भी स्वर्ण पदक के साथ अपनी मास्टर डिग्री भी हासिल की।
· श्री कंसल अब तक अपने कैरियर के दौरान अनेक महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। अब तक आपको भारतीय रेल इंजीनियरी सेवा में 35 वर्षों का लम्बा अनुभव प्राप्त है। श्री कंसल भारतीय रेल की पहली शताब्दी एक्सप्रेस, हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत से जुड़े पहले इंजीनियरिंग सहायक अधिकारी थे।
· आप भारतीय रेल के सबसे बड़े मंडल दिल्ली मंडल की इंजीनियरिंग शाखा के प्रधान थे तथा बिलासपुर एवं उत्तर रेलवे जोन में मुख्य ट्रैक इंजीनियर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। आपने उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे एवं पश्चिम मध्य रेलवे के राजधानी रूटों पर पहले वेहिक्यूलर UDFD को अंतिम रूप देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
·निर्माण इंजीनियर के तौर पर श्री कंसल ने गोल्डन क्वाडिलेटरल एवं पूर्व मध्य रेलवे पर गेज परिवर्तन, दोहरीकरण परियोजना की अनेक महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को निष्पादित किया है। मुंबई के ठाणे-क्रीक ब्रिज पर सबसे लम्बे (2 किमी) पीएससी बॉक्स गर्डर (54.5 मीटर स्पैन) के अहम कार्य को आपके निर्देशन में निष्पादित किया गया।
·आपके द्वारा सम्भाले गये विभिन्न दायित्वों में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर मंडल का मंडल रेल प्रबंधक पद सबसे अहम है, जिसके अंतर्गत महत्त्वपूर्ण ऑपरेशनल इंटरचेंज पॉइंट शामिल है, जो बिलासपुर जोन के मालभाड़ा लदान के लिए महत्त्वपूर्ण केन्द्र है।
·आप मानवयुक्त फाटक, पुलों के रिहैबिलिटेशन, जो इस अवधि में तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया जैसे सिविल इंजीनियरिंग के सभी विषयों सहित रेलवे बोर्ड में नीति निर्धारण प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।
·श्री कंसल ने "A-Z फॉर क्वालिटी कंट्रोल एंड इंस्पेक्शन ऑफ कॉन्करीट स्लीपर्स" शीर्षक तथा "लर्निंग द फर्स्ट स्टेप बाय ए रेलवे इंजीनियर" शीर्षक से दो पुस्तकें भी लिखी हैं, जो भारतीय रेल के फील्ड में नियुक्त सभी सहायक मंडल इंजीनियरों के लिए प्रैक्टिकल गाइड के रूप में महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन देती हैं।
·श्री कंसल को IRSE में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है तथा आपने अपने निर्देशन में विभिन्न परियोजनाओं को संरचनात्मक एवं अनुशासन से परिपूर्ण दृष्टिकोण से अंजाम तक पहुँचाया है।